Rumored Buzz on Shodashi

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The Matrikas, or the letters with the Sanskrit alphabet, are viewed as the refined type of the Goddess, with each letter Keeping divine ability. When chanted, these letters Incorporate to type the Mantra, creating a spiritual resonance that aligns the devotee While using the cosmic Electrical power of Tripura Sundari.

कर्तुं श्रीललिताङ्ग-रक्षण-विधिं लावण्य-पूर्णां तनूं

॥ इति श्रीत्रिपुरसुन्दरीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari ashtottarshatnam

देवीं मन्त्रमयीं नौमि मातृकापीठरूपिणीम् ॥१॥

अष्टारे पुर-सिद्धया विलसितं रोग-प्रणाशे शुभे

ईक्षित्री सृष्टिकाले त्रिभुवनमथ या तत्क्षणेऽनुप्रविश्य

Worshipping Goddess Shodashi is not more info merely about in search of substance Rewards but additionally with regards to the inner transformation and realization from the self.

रविताक्ष्येन्दुकन्दर्पैः शङ्करानलविष्णुभिः ॥३॥

लक्ष्या या चक्रराजे नवपुरलसिते योगिनीवृन्दगुप्ते

कर्त्री लोकस्य लीलाविलसितविधिना कारयित्री क्रियाणां

हादिः काद्यर्णतत्त्वा सुरपतिवरदा कामराजप्रदिष्टा ।

इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।

॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥

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